इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 9 हिंदी पद्य भाग के पाठ नौ ‘रुको बच्चों’ (Ruko Baccho class 9 Hindi) के अर्थ को पढ़ेंगे। जिसके लेखक राजेश जोशी है।
रुको बच्चों
पाठ – 9
लेखक परिचय
लेखक- राजेश जोशी
जन्म :- राजेश जोशी का जन्म सन् 1946 ई. में मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ जिले में हुआ।
प्रमुख काव्य संग्रह हैं :- ‘एक दिन बोलेंगे’, ‘मिट्टी का चेहरा’, ‘नेपथ्य में हँसी ’, ‘दो पंक्तियों के बिच ’, और चाँद की वर्तनी।
पुरस्कार :- उन्हें माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार मध्यप्रदेश शासन का शिखर सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
रुको बच्चों
रुको बच्चो रुको
सड़क पार करने से पहले रुको
तेज रफ्तार से जाती इन गाड़ियों को गुजर जाने दो.
वो जो सर…. से जाती सफेद कार में गया
उस अफसर को कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं है
वो बारह या कभी कभी तो इसके भी बाद पहुँचता है अपने विभाग में
दिन महीने और कभी कभी तो बरसों लग जाते हैं
उसकी टेबिल पर रखी जरूरी फाइल को खिसकने में
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि ‘राजेश जोशी’ के द्वारा लिखित कविता “रुको बच्चों” शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता के माध्यम से कवि बच्चों को कुछ सिख देना चाहते हैं।
इस पंक्तियों के माध्यम से कवि बच्चों को समझाते हैं। कि जब भी तुम सड़क पार करो तो चारों तरफ देख लिया करो। क्योंकि आजकल के लोगों को बहुत जल्दी रहती है। कहीं पहुँचने के लिए वे लोग तो समय से पहले कहीं निकलना नहीं चाहते हैं। तथा देरी हो जाने पर उनको जल्दी पहुँचने की बेचैनी रहती है। जिसके कारण वे लोग गाड़ी को आँख बंद करके चलाया करते हैं। फिर भी वे लोग समय से अपनी नियत स्थान पर नहीं पहुँचते हैं। तथा वे लोग अपने कार्य को भी पूरी सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। उन लोगों को जो कार्य करनी रहती है। उसको करने में कई दिन या महीना लगा देते हैं। क्योंकि उन लोगों को उस कार्य की कोई चिंता ही नहीं रहती है।
रुको बच्चो !
उस न्यायाधीश की कार को निकल जाने दो
कौन पूछ सकता है उससे कि तुम जो चलते हो इतनी तेज कार में
कितने मुकदमे लंबित हैं तुम्हारी अदालत में कितने साल से
कहने को कहा जाता है कि न्याय में देरी न्याय की अवहेलना है
लेकिन नारा लगाने या सेमीनारों में
बोलने के लिए होते हैं ऐसे वाक्य
कई बार तो पेशी दर पेशी चक्कर पर चक्कर काटते
ऊपर की अदालत तक पहुँच जाता है आदमी
और नहीं हो पाता है इनकी अदालत का फैसला
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि ‘राजेश जोशी’ के द्वारा लिखित कविता “रुको बच्चों” शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता के माध्यम से कवि प्यारे – प्यारे बच्चों को बहुत ही प्यार से समझना चाहते हैं।
इस पंक्तियों के माध्यम से कभी बच्चों को समझाते हुए कहते हैं। कि न्यायधीन,अर्थात जो लोग अदालत के कार्य को करते हैं। यदि उनकी गाड़ी में यहां से गुजरे तो तुम लोग रुक जाना। क्योंकि इनके अन्याय के विरुद्ध कोई आवाज नहीं उठा सकता है। वह तो स्वयं न्याय के रक्षक हैं। इनकी अदालत में मुकदमा का फैसला दायरकर्ता के मरणोपरांत भी नहीं हो, पाता। अर्थात मुकदमा के फैसले से विलंब के कारण न्यायपालिका पर विश्वास नहीं रह गया है। न्याय में देरी की अवहेलना है या भाषण के लिए है सच्चाई तो यह है, कि यहाँ भी भ्रष्टाचार फैल गया है। कोई भी ठीक से अपना कार्य नहीं कर रहा है। सभी लोग केवल स्वार्थी हो गए हैं। केवल अपना ही पेट भरने के फेर में रहते हैं। Ruko Baccho class 9 Hindi
रुको बच्चो, सड़क पार करने से पहले रुको
उस पुलिस अफसर की बात तो बिलकुल मत करो
वो पैदल चले या कार में
तेज चाल से चलना उसके प्रशिक्षण का हिस्सा है
यह और बात है कि जहाँ घटना घटती है
वहाँ पहुँचता है वो सबसे बाद में
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि ‘राजेश जोशी’ के द्वारा लिखित कविता “रुको बच्चों” शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता के माध्यम से कवि प्यारे – प्यारे, नन्हें बच्चों को बहुत ही प्यार भरी वाणी से समझाना चाहते हैं।
इस पंक्तियों के माध्यम से कभी बच्चों को समझाते हुए कहते हैं,कि हे मेरे प्यारे-प्यारे बच्चों जब भी तुम लोग सड़क पर चलो, तो इस बात को ध्यान में रखो कि कोई पुलिस अफसर की गाड़ी तुमको दिखाई दे,तो उसके लिए सड़क को खाली छोड़ दो उस गाड़ी को पहले चल जाने दो, तब तुम जाना, क्योंकि जहाँ उनकी जरूरत पहले होती है। वहाँ वह हमेशा सबसे बाद में पहुँचते हैं। तब तक घटना या तो सुलझ चुका होता है। या उसका कोई भयंक परिणाम लोगों पर पड़ गया होता है। तब यह लोग वहाँ पहुँचते हैं।
रुको बच्चो
रुको साइरन बजाती इस गाड़ी के पीछे पीछे
बहुत तेज गति से आ रही होगी किसी मंत्री की कार
नहीं नहीं उसे कहीं पहुँचने की कोई जल्दी नहीं
उसे तो अपनी तोंद के साथ कुर्सी से उठने में लग जाते हैं कई मिनिट
उसकी गाड़ी तो एक भय में भागी जाती है इतनी तेज
सुरक्षा को एक अंधी रफ्तार की दरकार है
रुको बच्चो
इन्हें गुजर जाने दो ।
इन्हें जल्दी जाना है.
क्योंकि इन्हें कहीं नहीं पहुँचना है ।
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि ‘राजेश जोशी’ के द्वारा लिखित कविता “रुको बच्चों” शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता के माध्यम से कवि प्यारे – प्यारे नन्हे नन्हे बच्चों को बहुत ही प्यार भरे वाणी से समझाना चाहते हैं।
इस पंक्तियों के माध्यम से कवि बच्चों को समझाते हुए कहते हैं, कि हे मेरे प्यारे – प्यारे बच्चों जब भी तुम लोग सड़क पार करो तो इस बात को सदा अपने ध्यान में रखना कि, अगर उस रास्ते से कोई नेता लोग के गाड़ी जाए तो पहले उसे चले जाने देना। क्योंकि देश के भाग्य विधाता कहलाने वाले नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। इन्हें जनता की नहीं बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता रहती है। इन्हें जनता की दीन – दशा पर तरस नहीं आती। यह स्वार्थी, भ्रष्ट तथा सत्ता लोभी हैं। यह जनता को धर्म,जाति तथा वर्ग के नाम पर बाँट कर सत्ता पर काबिज रहते हैं तथा निहिर जनता का हक डकारकर,स्वीकृत आनंद प्राप्त करते हैं। यह लोग नेता के नाम पर जनता को सताने वाली कलंक होते हैं। जो जनता के द्वारा ही दिए हुए शक्तियों का उपयोग कर बाद में अपने आपको ईश्वर समझने लगते हैं। इन्हें किसी की पीड़ा अथवा दु:ख की कोई प्रवाह ही नहीं रहती है।
Ruko Baccho class 9 Hindi
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