इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 8 हिंदी के पाठ एक ‘तू जिन्दा है तो…’ (Tu Zinda Hai To Class 8 Hindi) के अर्थ को पढ़ेंगे। जिसके लेखक शंकर शैलेन्द्र है।
1.तू जिन्दा है तो…
प्रस्तुत कविता तू जिन्दा है तो यह एक मनुष्य के जीवन के लिए प्रेरणादायक कविता हैं। जिसमें रचनाकार शंकर शैलेन्द्र हैं।
इस कविता के माध्यम से कवि मानव को जीवन में सारी दुःखों को त्याग कर खुशमय जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।
तू जिन्दा है तो जिन्दगी की जीत में यकीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
यह पंक्तियाँ ’तू जिन्दा है तो…‘ कविता से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से कवि मानव को यह बताना चाहते है। कि मनुष्य जिन्दा है तो उसको खुद की जिन्दगी पर भरोसा करनी चाहिए और अपनी जिन्दगी की सारी दु;खों को भुलाकर खुशीमय जिन्दगी की शुरूआत करनी है। तथा एक स्वर्ग की भाँती जिन्दगी को बना कर जिना है।
ये गम के और चार दिन, सितम के और चार दिन
ये दिन भी जायेंगे गुजर, गुजर गये हजार दिन
कभी तो होगी इस चमन पें भी बहार की नजर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तु जिन्दा है तो…
प्रस्तुत पंक्तियाँ र्तु जिन्दा है तो …’ कविता से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से कवि मनुष्य को दु;ख हो या सुख इससे बेचैन नही होना चाहिए। ये सब कुछ पल के लिए ही होते है। इसलिए कवि मानव को सभी प्रस्थितियो में एक समान रहने की सिख देते है।
सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चुमकर
तू सुन जमीन गा रही है कब से झुम झुम कर
तू आ मेरा सिंगार कर तु आ मुझे हसीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तु जिन्दा है तो …
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि शंकर शैलेन्द्र के द्वारा रचित ’तु जिन्दा है तो… कविता से लिया गया है जिसके माध्यम से कवि लोगो का ध्यान प्राकृतिक सौंदर्य की ओर आकृष्ट करते हुए कहते है। कि सुबह और शाम में जब सुर्य की किरणें अपनी आभा से उस समय के माहौल को इतना सुहावन बना देती है कि लगता है। जैसे पृथ्वी खुशी से झूम उठी है। कवि मानव से यह कहना चाहते हैं कि मानव तुम भी सुबह और शाम के सूर्य की किरणां की तरह अपने बल पर मेहनत और कौशल के बल पर इस धरती पर आभा लाओ और स्वर्ग के जैसा अपनी जिन्दगी को आनंदमय बनाओ। Tu Zinda Hai To Class 8 Hindi
हजार भेष धर के आई मौत तेरे द्वार पर
मगर तुझे न छल सकी चली गई वो हारकर
नई सुबह के संग तुझे मिली नई उमर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तु जिन्दा है तो …
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि शंकर शैलेन्द्र के द्वारा रचित ‘तु जिन्दा है। तो …कविता से लिया गया है। इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि हे कर्मवीर मानव तुम्हारें सामने अनेको प्रकार की बाधा तथा समस्याएँ आई। तुमको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से रोकने के लिए पर उसकी एक भी नहीं चली तुम्हारे सामने और वह हार कर खुद चली गई। तुमने अपनी हर नई सुबह को अपनी मेहनत से स्वर्ग के भाती आनंदमय बना लिया है।
हमारे कारवां को मंजिलो का इंतजार है
ये आँधियों , ये बिजलियों की पिठ पर सवार है
तु आ कदम मिला के चल, चलेंगे एक साथ हम
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तू जिन्दा है तो ….
प्रस्तुत कविता कवि शंकर शैलेन्द्र के द्वारा रचित तु जिन्दा है। तो ….कविता से लिया गया है। इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि सभी लोग एक समूह में बंधे अपनी मंजिल की राह देख रहे है। उनलोगो में आँधियो तथा बिजलियां की तरह जोश भरी है। वे सभी लोग अपनी कौशल से धरती पर भूचाल ला देंगे। तथा इस धरती को स्वर्ग के जैसा बना कर यहाँ निवास करेंगे।
जमीन के पेट में पली अगन, पले हैं जलजलो टिके न टिके
न सकेंगे भख रोग के स्वराज ये मुसीबतो के सर कुचल ,चलेंगे
एक साथ हम अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तू जिन्दा है तो,…
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि शंकर शैलेन्द्र के द्वारा रचित तु जिन्दा है तो, ….कविता से लिया गया है। जिसके माध्यम से कवि कहते हैं कि पृथ्वी के गर्भ में आग है। जब ये भूकंप की रूप लेती है तो किसी की कुछ भी नहीं सुनती ठीक उसी प्रकार कर्मवीर मानव के गर्भ में भी अपनी मंजिल को पाने के लिए आगे रहती है। जब वह पाने के लिए ठान लेते हैं तो अनेको प्रकार की मुसीबत से संघर्ष करते हुए अपनी मंजिल को पा कर ही दम लेते हैं। कवि देशवासियों को अपने पराक्रम से देश को स्वर्ग जैसा सुन्दर शांत तथा सुखमय बनाने के लिए कहते है।
बुरी है आग पेट की बुरे है दिल के दाग
न दब सकेंगे एक दिन बनेंगे इंकबालये
गिरेंगे जुल्म के महल, बनेंगे फिर नवीन घर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर
तू जिन्दा है तो,…
प्रस्तुत कविता तु जिन्दा है तो…. कविता से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से कवि मानव को यह कहते हैं कि पेट की आग बुरी होती है तथा छल कपट अथवा धोखा धरी बुरी होती है। लेकिन जब ये ज्वाला का रूप धारण करेंगे तो अत्याचारियों के महल ध्वस्त हो जाएँगे। कवि के कहने का तात्पर्य है कि भूख से पीड़ित अपनी सुख-शांति के लिए एकजुट होकर अत्याचारियों के विरोध में जब आवाज बुलंद करेंगे तब एक ऐसा भूचाल आएगा कि जुल्म के महल धराशायी हो जाएँगे और एक नया वातावरण तैयार होगा। Tu Zinda Hai To Class 8 Hindi
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sanjay verma says
thank you sis post ke liye
Vikash says
Thank for visiting here