इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 9 हिंदी पद्य भाग के पाठ दो ‘कड़बक’ (Manjhan ke pad Karbak class 9 Hindi) के अर्थ को पढ़ेंगे। जिसके लेखक मंझन है।
14. कड़बक
लेखक- मंझन
कवि :- मंझन हिंदी के प्रसिद्ध सूफी कवि थे।
रचनाएँ :- मंझन की एकमात्र रचना ‘मधुमलती ही उपलब्ध है।
श्लोक –1
पेम अमोलिक नग सयंसारा । जेहि जिअ पेम सो धनि औतारा ।
पेम लागि संसार उपावा । पेम गहा बिधि परगट आवा ।
पेम जोति सम सिस्टि अंजोरा । दोसर न पाव पेम कर जोरा ।
बिरुला कोइ जाके सिर भागू । सो पावै यह पेम सोहागू।
सबद ऊँच चारिहुँ जुग बाजा । पेम पंथ सिर देइ सो राजा।
पेम हाट चहुँ दिसि है पसरी गै बनिजौ जे लोइ ।
लाहा औ फल गाहक जनि डहकावै कोइ ॥
भावार्थ :-
प्रस्तुत कड़बक को भक्ति कालीन प्रेम मार्गी शाखा के महान कवि मंझन के द्वारा लिखित है। कवी मंझन सूफी मत के कवि हैं उन्होंने इसमें प्रेम के महत्व अथवा विशेषता पर प्रकाश डालते हैं।
इस संसार में प्रेम अमूल्य अनमोल अंगूठी का नगीने (नग) के समान हैं। प्रेम जीसे हो गया यह धन्य हो गया, प्रेम के ही कारण संसार है, प्रेम की गहराई में जाकर ही ईश्वर को पाया जा सकता है, प्रेम के प्रकाश से सारी सृष्टि प्रकाशित है उठती है, प्रेम के इस संसार में कोई जोड़ नहीं है, वह बिरौल होते हैं जिन्हें यह प्रेम होता है,इस प्रेम को पाना बड़े सौभाग्य की बात है चारों युग में यह शब्द बड़ी ऊँची स्वर में सुनाई दिया। जो इस रास्ते में अपना मन लगा दिया वह राजा हो गया। प्रेम चारों दिशाओं का बाजाएँ है। जो व्यापारी से प्राप्त करना चाहता है वह इसे भ्रमित ना करें।
पाठ – 14
श्लोक –2
अमर न होत कोइ जग हारै । मरि जो मरै तेहि मींचु न मारै ।
पेम के आगि सही जेई आंचा । सो जग जनमि काल सेउँ बाँचा ।पेम सरनि जेई आपु उबारा । सो न मरै काहू कर मारा।
एक बार जौ मरि जीउ पावै । काल बहुरि तेहि नियर न आवै ।
मिरिंतु क फल अंब्रित होइ गया । निहचैं अंमर ताहि कै कया ।
जौ जिउ जानहि काल भौ पेम सरन करि नेम ।
फीरै दुहुँ जंग काल भौ सरन काल जग पेम ॥
भावार्थ :-
प्रस्तुत काड़बक भक्तिकालीन प्रेम मार्गी शाखा के कवि मंझन द्वारा लिखित है। इसमें कवि ने प्रेम के महत्व को प्रतिपादित किया है।
कवि कहते हैं कि इस संसार में कोई अमर नहीं है। मारने से उसे मृत्यु भी मार नहीं पाती है। प्रेम की आग में जो सही से तपा वह संसार में काल से भी बच गया। प्रेम के शरण में जो जीव चला गया वह अपने आप उबर गया। अब वह किसी के मारने से कैसे मरेगा, क्योंकि प्रेम अमर हैं। एक बार प्रेम को जो पा लेता है। उसके नजदीक काल भी नहीं जाते हैं। प्रेम के कारण जिसकी मृत्यु हुई उसके लिए मृत्यु का फल अमृत हो गया। निश्चित ही वह शरीर अमर हो गया। जो जीव काल को इस संसार में जानता है, नियम से प्रेम के शरण में जाता है। फिर दोनों संसार और काल सभी से प्रेम हो जाता है। Manjhan ke pad Karbak class 9 Hindi
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