इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 9 हिंदी पद्य भाग के पाठ बारह ‘कुछ सवाल’ (Kuchh sawal class 9th hindi) के अर्थ को पढ़ेंगे। जिसके लेखक पब्लो नेरूदा हैै।
कुछ सवाल
पाठ –12
लेखक परिचय
लेखक- पब्लो नेरुदा
जन्म :- पाब्लो नेरुदा का जन्म दक्षिणी अमेरिकी देश चिली के पराल शहर में 12 जुलाई 1960 ई. में हुआ था।
मूल नाम :- नेफताली रिकॉर्डो रेयेस बसोंआल्टो था।
निधन :- 1973 में ही सैनिक प्रति क्रांति के जरिए अथ्येदे सरकार के तख्ता पलट के ठीक बाद उनका देहांत हो गया।
पुरस्कार :- 1950 में पिकासो और पॉलरॉब्स के साथ उन्हें विश्व शांति पुरस्कार दिया गया। 1973 में उन्हें साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला।
प्रमुख काव्य कृतिया :- ‘ट्वेंटी लव पोएम्स एंड सन ऑफ डिस्पेयर’ ‘रेजिडेंस ऑन अर्थ ’, केंटो जनरल’, ‘ दी कप्तेन्स वर्सेस’, और ‘फूली एंपावर्ड’ उनकी आत्मकथा ‘ में मॉथर्स ’दुनिया भर में पढ़ी गई।
कुछ सवाल
यदि सारी नदियाँ मीठी हैं
तो समुद्र अपना नमक कहाँ से पाता है ?
ऋतुओं को कैसे मालूम पड़ता है
कि अब पोलके बदलने का वक्त आ गया ?
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि “पाब्लो नेरुदा” के द्वारा लिखित कविता ‘कुछ सवाल’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता में कवि कुछ सवालों के जवाब पाना चाहते हैं।
इस कविता के पंक्तियों के माध्यम से कवि कहते हैं कि यदि स्थापित कार्य कारण नियम के अनुसार ही सब कुछ होता है। तो समुद्र का पानी खारा कैसे हो जाता है? जबकि उस में गिरने वाली सारी नदियों का पानी मीठा होता है। ऋतु परिवर्तन के साथ पेड़ – पौधों, आदि में पुराने छाले, पत्ते आदि टूटते – टूटते और नए निकलते हैं। ऐसा होना भी किसी स्थापित नियम के तहत नहीं दिखता।
जाड़े इतने सुस्त-रफ्तार क्यों होते हैं
और दूसरी कटाई की घास इतनी चंचल उड्डीयमान ?
कैसे जानती हैं जड़ें
कि उन्हें उजाले की ओर चढ़ना ही है ?
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि “पाब्लो नेरुदा” के द्वारा लिखित कविता ‘कुछ सवाल’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता में कवि कुछ सवालों के जवाब पाना चाहते हैं।
कवि का विश्वास है कि मनुष्य अपने संघर्ष के बल पर सृष्टि का निर्माण करता रहता है। उत्थान – पथन, हवंस – निर्माण प्रकृति का नियम है। दोनों अपने अपने नियम के अनुसार चलते रहते हैं। जैसे जाड़े में अर्थात इच्छाशक्ति जब मंद हो जाता है। तो विकास कम होता है।जबकि मनुष्य अपने संघर्ष से उस इच्छाशक्ति को भरी बढ़ा लेता है तथा तेज रफ्तार के साथ अपना आगे कार्य जारी रखता है। Kuchh sawal class 9th hindi
और फिर बयार का स्वागत
ऐसे रंगों और फूलों से करना ?
क्या हमेशा वही वसंत होता हैं,
वही किरदार फिर दुहराता हुआ ?
भावार्थ :-
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि “पाब्लो नेरुदा” के द्वारा लिखित कविता ‘कुछ सवाल’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस कविता में कवि कुछ सवालों के जवाब पाना चाहते हैं।
कवि का कहना है कि जड़ों की स्वभाविक्ता धरती के अंदर जाना है। परंतु क्यों और कैसे वे जड़े बाहर निकल आती है। रंग और फूलों में अपनी एक अलग – अलग विशेषताएं होती है। जो किसी लिक से बंधित नहीं होती। हर फूल – फल, पेड़ – पौधे आदि। हवाओं का स्वागत अपने-अपने ढंग से करते हैं। यहाँ तक कि वसंत ऋतु भी हर वर्ष, हर समय और हर किसी के लिए एक नही होता है। वह देश काल के अनुरूप विविध रूप रंग सहज ही स्वीकार करता है।
आती है। रंग और फूलों में अपनी एक अलग – अलग विशेषताएँ होती है। जो किसी लिक से बंधित नहीं होती। हर फूल – फल, पेड़ – पौधे आदि। हवाओं का स्वागत अपने-अपने ढंग से करते हैं। यहाँ तक कि वसंत ऋतु भी हर वर्ष, हर समय और हर किसी के लिए एक नहीं होता है। वह देश काल के अनुरूप विविध रूप रंग सहज ही स्वीकार करता है।
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