इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 8 हिंदी के पाठ अठारह ‘हौसले की उड़ान’ (Hausle Ki Udaan class 8 Hindi) के सारांश और व्याख्या को पढ़ेंगे। जिसके रचनाकार पा०पु०वि०स० है।
18 हौसले की उड़ान
प्रस्तुत पाठ ‘हौसले की उड़ान’ एक निबंध है। जिसके रचनाकार पा०पु०वि०स० है। लेखक इस निबंध में बिहार की बेटियों के हौसलो के बारे में बताते हैं। जिस समय बेटियों पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता था। उस समय बेटियाँ कैसे अपने हौसलो को बढ़ाया और एक से एक कार्य को करके दुनिया को यह दिखा दिया कि बेटियाँ किसी से कम नहीं है।
खुबसूरत और न्यायप्रिय व्यवस्था के निर्माण में शिक्षा तथा संघर्ष की अहम् भूमिका होती है। यह भूमिका यदि बेटियों के समूह से आए तो बदलाव की नई बयार का अहसास होता है। सदियों से दमन, उत्पीड़न और उपेक्षा की शिकार बेटियों ने ज्ञान और स्वाधीनता का स्वाद चखते ही हौसले की उड़ान के बल पर सामाजिक ताने-बाने को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके ज्वलंत प्रमाण रोहतास मण्डालन्तर्गत नोखा प्रखंड की गुड़िया है जिसने माता-पिता को घर में बंद कर दिया तथा तेरह कि०मी० पैदल चलकर उत्प्रेरण केन्द्र में अपना नामांकन करा लिया जानकारी मिलने पर पिता ने अपनी बेटी को घर लाने का आर्थिक प्रयास किया लेकिन गुड़िया अपने निश्चय पर अटल रही तथा पढ़-लिखकर अध्यापिका बनने की धुन में मस्त रही और अपने इलाके में मिसाल बन गई इसी प्रकार कैमूर के चेनारी प्रखंड के मथही गाँव निवासी विष्णु शंकर तिवारी की बेटी सोनी ने पूरे जिला में 400 मीटर और 1600 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर पुरे प्रखंड की चहेती बन गई पुनःराज्य -स्तरीय प्रथम स्थान प्राप्त किया और राष्ट्रीय प्रतियो गिता में उसे चौथा स्थान मिला ।
कदम नाम की लड़की का हौसला इतना बुलंद है कि उसने अध्ययन विरोधी ताकतों को धूल चटा दी। उसने नरेगा के ठेकेदार को साफ तौर पर चेतावनी दी कि गणेशपुर मुशहरी प्राथमिक विद्यालय बख्तियारपुर, जिला मुंगेर का एक भी बच्चा या बच्ची कार्यस्थल पर काम करते पाए जाएँ तो नरेगा का काम नहीं होने देगें। पिता जितेन्द्र माँझी और माँ शांति देवी को अपनी पुत्री पर नाज है, क्योंकि वह डॉक्टर बनना चाहती है और लोगों के दु;ख-दर्द में हाथ बँटाना चाहती है। Hausle Ki Udaan class 8 Hindi
मथुरापुर कहतरवा पंचायत शिवहर के मोहम्मद अब्दुल रहमान खान को अपनी पोती जैनब खान पर इसलिए गर्व है कि वह पर्दा प्रथा की जकड़बंदी को तोड़कर पढ़ने लगी, जो बी॰ए॰ में पढ़ रही है अपनी पढ़ाई के साथ ही लड़कियों को महिला शिक्षण केन्द्र में शिक्षित भी कर रही है।
अतः इन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति एवं बदलाव की भावना से अभि प्रेरित समाज के हौसले को बढ़ाया तथा सम्पूर्ण बिहारवासियों को शोषितो-वंचितों के प्रति मानवोचित व्यवहार करने का आह्वान किया।
Hausle Ki Udaan class 8 Hindi
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