इस पोस्ट में हमलोग बिहार बोर्ड कक्षा 8 हिंदी के पाठ आठ ‘बच्चे की दुआ’ (Bache Ki Dua class 8th Hindi) के अर्थ को पढ़ेंगे। जिसके लेखक मो॰ इकबाल है।
8. बच्चे की दुआ
प्रस्तुत पाठ ‘बच्चे की दुआ’ एक प्रार्थना गीत है जिसके लेखक मो॰ इकबाल है। लेखक अपने प्रार्थना के माध्यम से बच्चों की अभिलाषाओं को प्रकट करते हैं।
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
जिन्दगी शम्अ की सूरत हो खुदाया मेरी,
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है इस पंक्ति में बच्चे भगवान से यह अभिलाषा प्रकट करते हैं कि हे प्रभु मेरे मन में जितने भी गलत बात है सब को मिटा दिजिए। मेरा मन ऐस बना दिजिए कि हम अन्य लोगो की भलाई के बारे में सोंचे तथा मेरे होठों पर सिर्फ आपका ही नाम हो। हम हर हमेशा आपका हीं प्रार्थना करते रहें।
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए,
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से बच्चे ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं। वह कहते हैं कि हे प्रभु मुझे ऐसा आर्शिवाद दीजिए कि हमलोग पढ़ लिख के इतना महान बने कि लोगों की पीड़ा को दूर कर सकें। तथा उनको भी अपने कर्म से आनंदमय बना सकें। हमलोगों की मेहनत से पुरा संसार को सुख संपन्न कर दें।
हो मेरे दम से युँ ही मेरे वतन की जीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की जीनत,
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से बच्चे ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं। वह कहते हैं कि हे प्रभु मुझे ऐसी शक्ति या गुण दे दीजिए जिससे हम लोग अपने जन्म भूमि अपने देश की गौरव को बढ़ा सकें। जैसे खिले फूलों से फूलवारी की शोभा बढ़ जाती है यानी फूलवारी अपने सुंदरता के कारण आकर्षण का केन्द्र बन जाती है। ठीक उसी प्रकार मेरे संघर्ष और प्रयास से हमारी जन्म भूमि तथा देश गौरववान हो जाए। Bache Ki Dua class 8th Hindi
जिन्दगी हो मेरे परवाने की सुरत या रब
इल्म की शम्अ से हो मुझको मुहबत या रब,
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से बच्चे यह कामना करते हैं कि उनका जीवन हमेशा अच्छे कार्यों के प्रति समर्पित हो। क्योंकि अच्छे कार्य से हीं ईश्वर की प्राप्ति होती है। ईश्वर प्रेम स्वरूप होते हैं जिसमें प्रेम की भावना प्रबल होती है उसके हर कार्य में मानवता का मुल्य निहीत होता है। मानव अपनी मानवता के बल पर ईश्वर के सामान्य पुज्य हो जाता है। बच्चे प्रेम का पाठ पढ़कर अपने जीवन को सफल बनाने का कामना करते हैं।
हो मेरे काम गरीबों की हिमायत करना
दर्द मंदों से जईफों से मुहबत करना,
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से बच्चे ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं। वह कहते हैं कि हे प्रभु हमलोग कोई भी कार्य करें तो उसमें सभी लोगों की सुख और स्वार्थ को हमको ऐसा बना दीजिए की हम गरीब पीड़ीत लोगों से प्यार करे तथा उनकी सेवा करे।
मेरे अल्लाह बुराई से बचना मुझको
नेक जो राह हो, उस राह पे चलाना मुझको।
प्रस्तुत पंक्तियाँ मो॰ इकबाल के द्वारा लिखित बच्चे की दुआ प्रार्थना से लिया गया है। इस पंक्ति के माध्यम से बच्चे ईश्वार से यह प्रार्थना करते हैं। वह कहते हैं कि हे प्रभु मुझे बुरी चीजों से बचाना। मुझे ऐसा बना दो कि हमलोग केवल सही रास्ते पर चले कभी गलत रास्ते पर न चलें।
Bache Ki Dua class 8th Hindi
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